IPC SECTION 186 in hindi ( धारा 186 क्या है। )
धारा 186 क्या है ।What is IPC section 186? इसमे मिलने वाली सजाई।
जान कल्याण के लिए किया जा रहा कोई भी काम में डाली गई बाधा ।
अगर कोई काम लोक कल्याण के लिए किया जाता है और अगर उसमे कोई भी बाधा डालता है। या उस काम को करने से रोकता है तो यह एक अपराध मन जाता है जिसमे आप को जेल भी जाना पड़ सकता है। इसमें सजा कुछ दिन या महीनों की भी हो सकती है। वो आप के किये गए अपराधों पर निर्धारित होता है। इसमें मिलने वाली सजा एक हप्ते से लेकर तीन महीने तक कि भी हो सकती है और उसे बढ़ा कर पांच महीने की भी की जा सकती है। और दंड के रूप में 500 रुपये का जुर्माना भी लग सकता है। और इसमे जमानत भी मिल सकती है।
हुआ अपराध :
मानव हितों में किये जाने वाले किसी भी काम को करने में जो भी बाधा उत्पन करता है या बाधा उत्पन करने का परियाश करता है।
मिलने वाली सजा
एक हप्ते से लेकर तीन महीने तक कि सजा और इस सजा को बढ़ा कर पांच महीने तक कि भी की जा सकती है। इसका जुर्माना पांच सौ से ले कर पचास हजार तक भी देना पड़ सकता है।
लेकिन ऐसी चीजें माफ् करने योग्य नही है इसकी कड़ी निंदा करनी चाहिए और अधिकारियों को इसका खास ध्यान रखना चाहिए कि ऐसी गलती कभी न हो ।
मेरे नाम विवेक सिंह (एडवोकेट) है।
ये आर्टिकल लोगो को अपने न्याय विधान के प्रति जगरूप करने के लिए है । ऐसी कानूनी समस्या के लिए किसी वकील की सलाह जरूर ले। अगर किसी को कानून से संबंधित कोई समस्या हो तो हमसे संपर्क करे।
जान कल्याण के लिए किया जा रहा कोई भी काम में डाली गई बाधा ।
अगर कोई काम लोक कल्याण के लिए किया जाता है और अगर उसमे कोई भी बाधा डालता है। या उस काम को करने से रोकता है तो यह एक अपराध मन जाता है जिसमे आप को जेल भी जाना पड़ सकता है। इसमें सजा कुछ दिन या महीनों की भी हो सकती है। वो आप के किये गए अपराधों पर निर्धारित होता है। इसमें मिलने वाली सजा एक हप्ते से लेकर तीन महीने तक कि भी हो सकती है और उसे बढ़ा कर पांच महीने की भी की जा सकती है। और दंड के रूप में 500 रुपये का जुर्माना भी लग सकता है। और इसमे जमानत भी मिल सकती है।
हुआ अपराध :
मानव हितों में किये जाने वाले किसी भी काम को करने में जो भी बाधा उत्पन करता है या बाधा उत्पन करने का परियाश करता है।
मिलने वाली सजा
एक हप्ते से लेकर तीन महीने तक कि सजा और इस सजा को बढ़ा कर पांच महीने तक कि भी की जा सकती है। इसका जुर्माना पांच सौ से ले कर पचास हजार तक भी देना पड़ सकता है।
लेकिन ऐसी चीजें माफ् करने योग्य नही है इसकी कड़ी निंदा करनी चाहिए और अधिकारियों को इसका खास ध्यान रखना चाहिए कि ऐसी गलती कभी न हो ।
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IPC SECTION 186 in hindi ( धारा 186 क्या है। ) |
मेरे नाम विवेक सिंह (एडवोकेट) है।
ये आर्टिकल लोगो को अपने न्याय विधान के प्रति जगरूप करने के लिए है । ऐसी कानूनी समस्या के लिए किसी वकील की सलाह जरूर ले। अगर किसी को कानून से संबंधित कोई समस्या हो तो हमसे संपर्क करे।
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