IPC SECTION 497 IN HINDI (धारा 497 क्या है)
धारा 497 क्या है IPC SECTIONS 497 IN HINDI (हिंदी) इसमे होने वाली सजाई।
भ्रष्ट आचरण,अविवाहिता स्री से व्यभिचार, अविवाहिता पुस्र्ष से व्यभिचार,व्यभिचार, परस्रीगमन
जो भी व्यक्ति ऐसी महिला के साथ जो किसी और की पत्नी हो और अगर यह बात वह व्यक्ति जो उस महिला के साथ है स्पष्ट रूप से जानता है कि वह महिला किसी और की पत्नी है यह जानते हुए भी उस महिला के साथ संबंध बनाता है क्या संबंध बनाने की कोशिश करता है और यह बात उस महिला के पति से छुपाती की जाती है तो यह संबंध दुष्कर्म की श्रेणी में नहीं आता है लेकिन वह व्यक्ति कानून रूप से अपराधी होगा उस व्यक्ति के लिए जिसकी पत्नी के साथ सेक्सी संबंध बनाया होगा और ऐसे व्यक्ति को मिलने वाली सजाएं 3 साल से 7 साल तक की कारावास हो सकता है और एंड का भुगतान भी देना पड़ सकता है और ऐसे अपराध में वह व्यक्ति की सजा का भागीदार होगा ना कि दूसरे व्यक्ति की पत्नी।
हुआ अपराध:
भ्रष्ट आचरण,अविवाहिता स्री से व्यभिचार, अविवाहिता पुस्र्ष से व्यभिचार,व्यभिचार, परस्रीगमन
होने वाली सजाई:
ऐसे व्यक्ति को 3 साल से लेकर 7 साल की सजा और दंड का भुगतान भी देना पड़ सकता है क्या दोनों चीजों का भागीदार होगा
ऐसे लोगों को कभी क्षमा नहीं करना चाहिए और इनकी कड़ी निंदा करते हुए कानूनी दंड दिलवाना चाहिए जिससे इस समाज में कोई सुधार आ सके।
ऐसी गलती क्षमा करने योग्य नहीं है समाज द्वारा विचारणीय है
मेरे नाम विवेक सिंह (एडवोकेट) है।
ये आर्टिकल लोगो को अपने न्याय विधान के प्रति जगरूप करने के लिए है । ऐसी कानूनी समस्या के लिए किसी वकील की सलाह जरूर ले। अगर किसी को कानून से संबंधित कोई समस्या हो तो हमसे संपर्क करे।
भ्रष्ट आचरण,अविवाहिता स्री से व्यभिचार, अविवाहिता पुस्र्ष से व्यभिचार,व्यभिचार, परस्रीगमन
जो भी व्यक्ति ऐसी महिला के साथ जो किसी और की पत्नी हो और अगर यह बात वह व्यक्ति जो उस महिला के साथ है स्पष्ट रूप से जानता है कि वह महिला किसी और की पत्नी है यह जानते हुए भी उस महिला के साथ संबंध बनाता है क्या संबंध बनाने की कोशिश करता है और यह बात उस महिला के पति से छुपाती की जाती है तो यह संबंध दुष्कर्म की श्रेणी में नहीं आता है लेकिन वह व्यक्ति कानून रूप से अपराधी होगा उस व्यक्ति के लिए जिसकी पत्नी के साथ सेक्सी संबंध बनाया होगा और ऐसे व्यक्ति को मिलने वाली सजाएं 3 साल से 7 साल तक की कारावास हो सकता है और एंड का भुगतान भी देना पड़ सकता है और ऐसे अपराध में वह व्यक्ति की सजा का भागीदार होगा ना कि दूसरे व्यक्ति की पत्नी।
हुआ अपराध:
भ्रष्ट आचरण,अविवाहिता स्री से व्यभिचार, अविवाहिता पुस्र्ष से व्यभिचार,व्यभिचार, परस्रीगमन
होने वाली सजाई:
ऐसे व्यक्ति को 3 साल से लेकर 7 साल की सजा और दंड का भुगतान भी देना पड़ सकता है क्या दोनों चीजों का भागीदार होगा
ऐसे लोगों को कभी क्षमा नहीं करना चाहिए और इनकी कड़ी निंदा करते हुए कानूनी दंड दिलवाना चाहिए जिससे इस समाज में कोई सुधार आ सके।
ऐसी गलती क्षमा करने योग्य नहीं है समाज द्वारा विचारणीय है
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IPC SECTION 497 IN HINDI (धारा 497 क्या है) |
मेरे नाम विवेक सिंह (एडवोकेट) है।
ये आर्टिकल लोगो को अपने न्याय विधान के प्रति जगरूप करने के लिए है । ऐसी कानूनी समस्या के लिए किसी वकील की सलाह जरूर ले। अगर किसी को कानून से संबंधित कोई समस्या हो तो हमसे संपर्क करे।
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